मानव जीवन से संबन्धित अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है उसकी जीवन यात्राए जो न जाने कितनी लंबी है।ए संघर्ष ही जीवन यात्रा का दूसरा नाम हैए जिम्मेवारियों और कर्तव्यों का मिला जुला रूप है यह जीवन.यात्रा। सौरमंडल के नौ ग्रह प्रत्येक व्यक्ति की जीवन.यात्रा को संचालित करते हैए धरती पर कोई मानव.जीवन ऐसा नहीं जो ग्रहों के प्रभाव से वंचित होए बल्कि सजीव और निर्जीव दोनों पर ग्रहों का प्रभाव रहता हैए यदि किसी प्राणी पर इन ग्रहों का प्रतिकूल प्रभाव रहे तो उस व्यक्ति का जीवन किस कदर अस्त.व्यस्त हो सकता है इसका अंदाजा लगाना बहुत मुश्किल हैए ग्रहों के प्रतिकूल प्रभाव के कारण जीवन की परिस्थितियाँ इस तरह असहनीय हो सकती है कि व्यक्ति आत्महत्या तक की सोच रखने लगता हैए अब उसके जीवन की इस अस्त.व्यस्त गुथी को कौन सुलझाए।
आम व्यक्ति अगर चाहे तो अपनी जीवन.शैली मे परिवर्तन ला सकता हैए कार्य.क्षेत्र बदल सकता हैए घर बदल सकता हैए शहर बदल सकता है यहाँ तक कि वैज्ञानिक उपकरणो का इस्तेमाल करते हुए अपने होने वाले बच्चों की संख्या स्वयं निर्धारित कर सकता है पर वह अपने उस दुर्भाग्य को सौभाग्य मे नहीं बदल सकताए जो ग्रह दशा के कुप्रभाव के कारण है। इसे केवल एक परिपक्व ज्योतिषी ही बदल सकता है।
जब बच्चे का जन्म होता हैए उस समय सौरमंडल के कुछ ग्रह अग्रिम अवस्था मे होते हैंए उनकी रेज़ बच्चे पर सीधी पड़ती हैं और उस ग्रह के शुभ प्रभाव ही बच्चे की विशेषताएँ बन जाती हैंए कुछ ग्रह मध्यम अवस्था मे होते हैए उनका मिला.जुला प्रभाव बच्चे पर रहता हैए लेकिन कुछ ग्रह जो बिलकुल पीछे होते हैंए उनकी रेज़ बच्चे पर ना पड़ पाने के कारण उनका प्रभाव अशुभ रहता है। उस अशुभता को दूर करने के लिए किसी गुणवान ज्योतिषी को जन्म कुंडली दिखा कर उपाय कर लेना अत्यंत आवश्यक है। ताकि बच्चे को जीवन मे आने वाली मुश्किलों से बचाया जा सके।
Email: info@yesicanchange.com Contact No. 0124-6674671
GD Vashist |
आम व्यक्ति अगर चाहे तो अपनी जीवन.शैली मे परिवर्तन ला सकता हैए कार्य.क्षेत्र बदल सकता हैए घर बदल सकता हैए शहर बदल सकता है यहाँ तक कि वैज्ञानिक उपकरणो का इस्तेमाल करते हुए अपने होने वाले बच्चों की संख्या स्वयं निर्धारित कर सकता है पर वह अपने उस दुर्भाग्य को सौभाग्य मे नहीं बदल सकताए जो ग्रह दशा के कुप्रभाव के कारण है। इसे केवल एक परिपक्व ज्योतिषी ही बदल सकता है।
जब बच्चे का जन्म होता हैए उस समय सौरमंडल के कुछ ग्रह अग्रिम अवस्था मे होते हैंए उनकी रेज़ बच्चे पर सीधी पड़ती हैं और उस ग्रह के शुभ प्रभाव ही बच्चे की विशेषताएँ बन जाती हैंए कुछ ग्रह मध्यम अवस्था मे होते हैए उनका मिला.जुला प्रभाव बच्चे पर रहता हैए लेकिन कुछ ग्रह जो बिलकुल पीछे होते हैंए उनकी रेज़ बच्चे पर ना पड़ पाने के कारण उनका प्रभाव अशुभ रहता है। उस अशुभता को दूर करने के लिए किसी गुणवान ज्योतिषी को जन्म कुंडली दिखा कर उपाय कर लेना अत्यंत आवश्यक है। ताकि बच्चे को जीवन मे आने वाली मुश्किलों से बचाया जा सके।
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