आज का मानव किस कदर आधुनिकता को अपनाये हुए जी रहा हैए इसमे कोई संदेह नहीं हैए मानव अपनी छोटी.छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिएए दैनिक क्रिया.कलापों के लिए वैज्ञानिक उपकरणो का प्रयोग करने लगा है। विज्ञान सत युग मे भी थाए त्रेता और द्वापर युग मे भी थाए परंतु इसका रूप इतना कलुषित नही था। इंगलिश के शब्द रिसर्च के बारे मे सब को ज्ञान हैए लेकिन यह बहुत कम लोग जानते हैं कि रिसर्च शब्द की उतप्ति ऋषि से ही हुई थी।
इस अनत आसमान की खोज जिस सीमा पर जा कर वह ऋषि.मुनि कर चुके हैंए उसका अंदाजा आज का आम इंसान लगा पायेए यह संभव नहीं। हाँ आज के वैज्ञानिक इसका सही.सही अंदाजा तब लगा सकते हैं यदि अतीत मे जा कर कुछ आध्यात्म की खोज भी करें। कल के ऋषि और आज के वैज्ञानिक मे अंतर इतना जान
इस अनत आसमान की खोज जिस सीमा पर जा कर वह ऋषि.मुनि कर चुके हैंए उसका अंदाजा आज का आम इंसान लगा पायेए यह संभव नहीं। हाँ आज के वैज्ञानिक इसका सही.सही अंदाजा तब लगा सकते हैं यदि अतीत मे जा कर कुछ आध्यात्म की खोज भी करें। कल के ऋषि और आज के वैज्ञानिक मे अंतर इतना जान
पड़ता है कि मानवता के हित को ध्यान मे रखते हुए ए अतीत के ऋषि ने अपने विज्ञान पर आधारित आविष्कार को वेदों और पुराणों मे संजो कर रखा हैए ऋषि मुनियों ने जिस विज्ञान के रूप को जाना था वह विज्ञान अत्यंत गूढ़ था। जिसे एसी भाषा मे संग्रहित कियाए जो साधारण व्यक्ति की समझ से बाहर था। इस अढ़्बुत सृष्टि मे अनेक रहस्य छिपे हैं जो कि कल भी थेए आज भी हैंए और कल भी रहेंगे।
ज्योतिष.शास्त्र वह विज्ञान है जो पुरातन ऋषि.मुनियों की अनुपम देंन हैए पुरातन समय मे प्रदूषणरहित वातवरण मे रह कर जिस ज्योतिष.विज्ञान का वह अनुसंधान कर चुके हैंए उसी प्रदूषणरहित और शांत वातावरण की आज भी उतनी ही जरूरत है जितनी उस समय थी।
Web: www.yesicanchange.com Customer Care: 0124-6674671
ज्योतिष.शास्त्र वह विज्ञान है जो पुरातन ऋषि.मुनियों की अनुपम देंन हैए पुरातन समय मे प्रदूषणरहित वातवरण मे रह कर जिस ज्योतिष.विज्ञान का वह अनुसंधान कर चुके हैंए उसी प्रदूषणरहित और शांत वातावरण की आज भी उतनी ही जरूरत है जितनी उस समय थी।
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